भजन कई रूपों में गाए और लिखे जाते हैं। इनके प्रकार मुख्यतः विषय, भाव, रचना-शैली और उद्देश्य के आधार पर तय होते हैं। भजन के हर प्रकार में एक विशेष माहौल और भावनात्मक प्रभाव होता है — कोई भगवान की महिमा का वर्णन करता है, कोई प्रेम और लीला का, तो कोई उपदेश या प्रेरणा देता है।
यदि लेखक को भजन के प्रकारों का ज्ञान है, तो वह अपने भावों और संदेश को सही दिशा में ढाल सकता है।
भजन के प्रमुख प्रकार
-
स्तुति भजन (Stuti Bhajan)
-
प्रार्थना भजन (Prayer Bhajan)
-
लीला भजन (Leela Bhajan)
-
वर्णनात्मक भजन (Descriptive Bhajan)
-
उपदेशात्मक भजन (Didactic Bhajan)
-
सांप्रदायिक भजन (Sampradayik Bhajan)
-
विरह भजन (Viraha Bhajan)
-
आल्हाद भजन (Anand Bhajan)
-
गुरु भजन (Guru Bhajan)
-
सामाजिक/प्रेरणात्मक भजन (Social/Inspirational Bhajan)
विस्तृत विवरण
1. स्तुति भजन
इनमें भगवान, देवी-देवता या गुरु की महिमा और गुणों का गुणगान होता है। जैसे — "जय जय राधा रमण हरि बोल"। इन भजनों का उद्देश्य श्रोता को भगवान की महानता का अनुभव कराना है।
2. प्रार्थना भजन
इसमें भगवान से कुछ माँगना, दुख दूर करने की विनती या आशीर्वाद पाने की भावना होती है। उदाहरण — "हे राम, हे राम, कृपा करो प्रभु"। ऐसे भजन व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से गाए जाते हैं।
3. लीला भजन
इनमें भगवान की लीलाओं का वर्णन होता है, जैसे कृष्ण की माखन चोरी, रासलीला या राम का वनवास। इससे श्रोता के मन में भक्ति के साथ-साथ एक जीवंत चित्र उभरता है।
4. वर्णनात्मक भजन
ये भजन धार्मिक घटनाओं, यात्राओं, तीर्थस्थलों या पवित्र स्थलों का वर्णन करते हैं। उदाहरण — "चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है"।
5. उपदेशात्मक भजन
इनका उद्देश्य जीवन के सत्य, नीति, धर्म और सदाचार का संदेश देना है। जैसे — "मनुष्य तू बड़ा भाग्यशाली"।
6. सांप्रदायिक भजन
ये किसी विशेष संप्रदाय के सिद्धांत और आदर्शों पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए, कबीर पंथ, रामानंदी या वैष्णव संप्रदाय के भजन।
7. विरह भजन
इनमें भक्त और भगवान के बीच की दूरी या वियोग की पीड़ा का भाव होता है। जैसे — "प्रभु बिना मोहे चैन न आवे"।
8. आल्हाद भजन
ये भजन आनंद, उत्सव और खुशी से भरे होते हैं। जैसे मंदिरों में झूले या जन्माष्टमी के समय गाए जाने वाले भजन।
9. गुरु भजन
इनमें गुरु की महिमा, उपदेश और आशीर्वाद का वर्णन होता है। गुरु भजन शिष्य और गुरु के बीच की गहरी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हैं।
10. सामाजिक/प्रेरणात्मक भजन
ये भजन सामाजिक एकता, भाईचारे और नैतिकता का संदेश देते हैं। जैसे संतों के भजन जो समाज सुधार की प्रेरणा देते हैं।
0 Comments