कविता मानव अभिव्यक्ति की सबसे प्राचीन और सुंदर विधाओं में से एक है। यह केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं, अनुभवों और कल्पनाओं का कलात्मक रूपांतरण है। जब मन में कोई भावना इतनी गहरी होती है कि वह साधारण भाषा में व्यक्त नहीं हो पाती, तो वह कविता के रूप में प्रकट होती है। कविता में शब्द मात्र संप्रेषण का माध्यम नहीं होते, बल्कि वे लय, संगीत, भाव और चित्रात्मकता के साथ मिलकर पाठक या श्रोता के मन में एक गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। यही कारण है कि कविता को “भावनाओं का संगीत” भी कहा जाता है।
कविता का मुख्य आधार भावप्रधानता है। इसमें विचार से अधिक भावों का महत्व होता है, क्योंकि कविता का उद्देश्य तर्क से अधिक हृदय को छूना है। इसमें सौंदर्यबोध अत्यंत महत्वपूर्ण होता है – शब्दों का ऐसा चयन और संयोजन, जिससे भाषा मधुर, प्रभावशाली और आकर्षक बन जाए। कविता में लय और छंद का प्रयोग भावों को और अधिक गेय, स्मरणीय और हृदयग्राही बना देता है। यही कारण है कि प्राचीन काल से लेकर आज तक, कविता गाई और सुनाई जाने की परंपरा रही है।
कविता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसकी संक्षिप्तता है। एक अच्छे कवि की यह विशेषता होती है कि वह बहुत कम शब्दों में गहरे और व्यापक अर्थ प्रकट कर सके। कविता में चित्रात्मकता का भी विशेष महत्व है – कवि अपने शब्दों के माध्यम से पाठक के मन में ऐसे दृश्य उपस्थित करता है जैसे वे आँखों के सामने घटित हो रहे हों।
कविता के उद्देश्य केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं होते। यह प्रेरणा देती है, समाज को दिशा देती है, संस्कृति को संरक्षित करती है और भावनात्मक चेतना को जागृत करती है। विषय के आधार पर कविताएँ अनेक प्रकार की हो सकती हैं – भक्ति कविता (ईश्वर व आध्यात्मिकता पर केंद्रित), वीर कविता (वीरता और देशभक्ति का गुणगान), श्रृंगार कविता (प्रेम और सौंदर्य का चित्रण), प्रकृति कविता (प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन) और समसामयिक कविता (वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों पर आधारित)।
रूप के आधार पर कविताएँ मुक्त छंद, बद्ध छंद, गीत, ग़ज़ल, दोहा, सॉनेट, हाइकु आदि में लिखी जाती हैं। प्रत्येक रूप की अपनी लय, संरचना और शैली होती है, लेकिन सभी में भाव और सौंदर्य की अनिवार्य उपस्थिति होती है।
संक्षेप में, कविता वह कला है जो शब्दों में संगीत भर देती है और भावनाओं को अमर बना देती है। एक अच्छी कविता पढ़ने या सुनने के बाद भी लंबे समय तक मन में गूंजती रहती है, क्योंकि वह केवल शब्द नहीं, बल्कि अनुभव और संवेदना होती है।
0 Comments