ये छोटे-छोटे संकेतक न केवल वाक्यों को अर्थपूर्ण बनाते हैं, बल्कि पढ़ने में सहजता और सौंदर्य भी लाते हैं।
गलत या लापरवाह विराम चिह्न प्रयोग से अर्थ बदल सकता है, और कभी-कभी वाक्य का पूरा भाव ही उलट सकता है।
विराम चिह्न क्या हैं?
विराम चिह्न वे संकेत हैं जो लिखित भाषा में ठहराव, बल, भावना, और संरचना दर्शाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
वे पाठक को यह समझने में मदद करते हैं कि कहाँ वाक्य समाप्त हो रहा है, कहाँ भाव बदल रहा है, और कहाँ जोर देना है।
हिंदी में प्रमुख विराम चिह्न और उनका प्रयोग
1. पूर्ण विराम (।)
प्रयोग: वाक्य के अंत में प्रयोग होता है।📌 उदाहरण:
मैं रोज़ सुबह जल्दी उठता हूँ।
2. अल्पविराम (,)
प्रयोग: वाक्य के भीतर छोटे-छोटे ठहराव दर्शाने के लिए।📌 उदाहरण:
बाजार से आम, सेब, केला और संतरा लाना।
3. अर्धविराम (;)
प्रयोग: आपस में जुड़े लेकिन स्वतंत्र वाक्यों के बीच।📌 उदाहरण:
मैंने मेहनत की; सफलता जरूर मिलेगी।
4. प्रश्नवाचक चिन्ह (?)
प्रयोग: प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में।📌 उदाहरण:
आप कहाँ जा रहे हैं?
5. विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)
प्रयोग: आश्चर्य, खुशी, दुख, गुस्सा आदि भाव व्यक्त करने में।📌 उदाहरण:
वाह! कितना सुंदर नज़ारा है।
6. उद्धरण चिन्ह (“ ” / ‘ ’)
प्रयोग: किसी का कथन या विशेष शब्द दर्शाने के लिए।📌 उदाहरण:
उसने कहा, “मैं कल आऊँगा।”
7. द्वि-बिंदु (:)
प्रयोग: सूची या स्पष्टीकरण से पहले।📌 उदाहरण:
मेरे प्रिय फल हैं: आम, सेब, केला।
8. त्रुटि बिंदु (…)
प्रयोग: अधूरी बात या विराम दर्शाने के लिए।📌 उदाहरण:
मैं सोच रहा था… फिर अचानक मुझे ख्याल आया।
विराम चिह्न प्रयोग में आम गलतियाँ
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हर वाक्य के अंत में केवल पूर्ण विराम ही नहीं, भाव के अनुसार चिन्ह का चयन करें।
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अल्पविराम की अधिकता वाक्य को बोझिल बना सकती है।
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प्रश्नवाचक चिन्ह और विस्मयादिबोधक चिन्ह को एक साथ न प्रयोग करें। (जैसे: आप आ गए?! – गलत)
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उद्धरण चिन्ह के भीतर विराम चिह्न सही जगह लगाएँ।
निष्कर्ष
विराम चिह्न लेखन की आत्मा में लय और स्पष्टता जोड़ते हैं।
ये न केवल वाक्य को सही अर्थ देते हैं, बल्कि पाठक के अनुभव को भी सुखद और प्रभावशाली बनाते हैं।
एक अच्छा लेखक विराम चिह्नों का सही और संतुलित प्रयोग करना जानता है, और यही उसके लेखन को पढ़ने योग्य और यादगार बनाता है।
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